Saturday 2 January 2016

मैं मनमौजी हूँ 

मैं मनमौजी हूँ मौज करता हूँ,
दिन हो कोई, हर रोज करता हूँ.

भूल गया हूँ मैं अपना दिल देकर,
अब दिन रात उसकी खोज करता हूँ.

खुश्क लम्हों का जब मौसम आता है,
गर्म आंसू से मैं पैदा आग करता हूँ.

खुशियों में भी कभी खुश ना हुआ,
अब बरबादियों पर अपनी नाज़ करता हूँ.

इश्क़ के महलों में आराम ना मिला,
अब तनहाइयों के खंडर पर राज़ करता हूँ.

टूटे हुए को और क्या तोड़ेगा कोई,
आओ करो बर्बाद मैं आगाज़ करता हूँ.

टुटा दिल हो या शीशा फिर नहीं जुड़ता,
मैं दिल के टुकड़ो का हिसाब करता हूँ.

ठोकर खाकर गिरना जारी है अब तक,
पर उठने की कोशिश हर बार करता हूँ.

कोई खले मुझसे खुला दरबार है,
मैं किसी को नहीं इनकार करता हूँ.

बेवफाओं से अब मुझे डर नहीं लगता,
बेवफाओं, आओ मैं तुमसे प्यार करता हूँ !!

Ashish Agnihotri
[Red Rose Killer]

Mjhe Nind Aa Jaye

मुझे नींद आ जाये वो रात कहाँ से लाऊँ,
मुझे खुश कर जाए वो बात कहा से लाऊँ.

अब मंजिल का इंतजार रहता है आँखों में,
मंजिल मिल जाए वो सफ़र कहाँ से लाऊँ.

पसीना खूब बहाया है मेहनत करते करते,
अब खून बह जाए वो हिम्मत कहा से लाऊँ.

अमीरों की तिजौरी में अब कैद लक्ष्मी है,
गरीबो के घर में खनके वो भगवान कहाँ से लाऊँ 


Happy new year
Ashish Agnihotri
[Red Rose Killer]